एम्स में नौकरी दिलाने के नाम ठग करने वाले दो गिरफ्तार.छह से दो करोड़ से ज्यादा हडपे

पिथौरागढ़। एम्स ऋषिकेश सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ रुपये हड़पने वाले बिहार के आरोपियों को पिथौरागढ़ पुलिस गिरफ्तार किया है। आरोपियों कुमाऊं के युवक-युवतियों को एम्स ऋषिकेश में फार्मासिस्ट और जेएनएम की नौकरी दिलाने का झांसा देकर प्रत्येक से 6 से 8 लाख रुपये तक लिए थे। उन्होंने इन युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र तक थमा दिए थे।



इन नियुक्ति पत्रों में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के हस्ताक्षर थे। जांच में सभी प्रपत्र फर्जी पाए जाने पर 22 अक्तूबर 2019 को पिथौरागढ़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। एसपी प्रीति प्रियदर्शनी ने टीम गठित कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। पिथौरागढ़ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ओम प्रकाश शर्मा ने नाचनी थाने के एसआई दीपक बिष्ट के नेतृत्व में टीम गठित कर इसे बिहार, लखनऊ और हल्द्वानी भेजा।टीम ने जावेद निवासी गोपालगंज बिहार और राजकुमार निवासी पटना बिहार को गिरफ्तार किया है।


पूछताछ में आरोपियों बताया कि उन्होंने लगभग दो करोड़ से अधिक रुपये युवाओं से लिए थेउन्होंने इस रकम से प्रॉपर्टी खरीदने की बात कही है। पुलिस आरोपियों के खातों को सीज करेगी।आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में कोतवाल ओपी शर्मा, थानाध्यक्ष नाचनी दीपक बिष्ट, कांस्टेबल पंकज वर्मा, एसओजी के भुवन पांडेयदेशराज शामिल रहे। कुमाऊं के युवक-युवतियों को नौकरी के नाम पर ठगने का खेल ऋषिकेश के ही एक होटल में रचा जाता था।युवाओं को झांसे में लेने के लिए ठग सूट-बूट में आते थे और कमरे के बाहर एक गार्ड भी तैनात करते थे।


चार फरवरी को इस धंधे में लिप्त गिरीश चंद नामक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ठगी का मामला खुला था।मामले की जांच कर रहे एसआई दीपक बिष्ट बताया कि चार फरवरी को खटीमा निवासी गिरीश चंद को ऋषिकेश एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर 2.75 लाख की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरीश चंद से जब पुलिस ने पूछताछ की तो पूरे गिरोह का पता चला।